मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज काली एवं गोरी नदी के संगम पर आयोजित 110 वर्ष पुराने जौलजीबी मेले का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलजीबी मेला भारत, नेपाल व तिब्बत के मध्य आपसी सौहार्द, व्यापार एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि वे बचपन से ही यहां के रीति-रिवाज और संस्कृति को देखते आ रहे हैं तथा इस मेले से उन्हें बहुत लगाव रहा है। मुख्यमंत्री ने जौलजीबी मेले हेतु 10 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा भी की तथा केएमवीएन द्वारा काली नदी पर युवाओं हेतु आयोजित राफ्टिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि यह सांस्कृतिक मेला हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान कर रहा है और आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य भी कर रहा है। ऐसे आयोजनों से राज्य के कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उन्हें प्रोत्साहन मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश के सीमान्त गांवों के विकास के प्रति बहुत गंभीर हैं, इसका सीधा उदाहरण विगत दिनों उनके द्वारा आदि कैलाश व गुंजी की यात्रा है, जिससे आज पूरा विश्व इस क्षेत्र को जानने लगा है। आने वाले दिनों में यह पूरा क्षेत्र आवागमन का बहुत बड़ा केंद्र बनेगा।
उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र के गांवों का सतत विकास हमारी प्राथमिकता में शामिल है, जिसे लगातार बढ़ाया जा रहा है। पिथौरागढ़ जनपद के इस सीमान्त क्षेत्र के विकास के लिए काली नदी पर डबल लेन मोटर पुल का निर्माण किया जा रहा है। जिससे भारत-नेपाल के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा, अध्यक्ष जिला पंचायत दीपिका बोहरा, विधायक डीडीहाट बिशन सिंह चुफाल, भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश जोशी, ब्लॉक प्रमुख धारचूला धन सिंह धामी, डीडीहाट बबीता चुफाल, कनालीछीना सुनीता कन्याल नगर पालिका अध्यक्ष धारचूला राजेश्वरी देवी तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।

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