देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रदेश के कुल 11 नगर निगमों में देहरादून नगर निगम उत्तराखंड का सबसे बड़ा नगर निगम है। देहरादून नगर निगम में 100 वार्ड हैं। यहां मेयर, डिप्टी मेयर और 99 पार्षद होते हैं। प्रदेश की राजधानी का शहर होने के कारण देहरादून नगर निगम का वैसे भी राजनीति में सर्वाधिक महत्व है। सत्तारूढ़ भाजपा को यहां मुख्य विपक्षी कांग्रेस से यहां इस बार टक्कर मिल सकती है।

नामांकन दाखिल किए जाने से पूर्व देहरादून नगर निगम में कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए प्रत्याशी चयन की कसरत निसंदेह बेहद चुनौती भरी है। कांग्रेस में जितने भी मेयर पद के दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं, सबकी अपनी पृष्ठभूमि है। इनमें एक नाम उभरा है राजीव महर्षि का। देहरादून की ही मिट्टी में जन्मे, उच्च शिक्षित और विजनरी नेता के रूप में महर्षि की पहचान है। वे मीडिया में पार्टी का पक्ष पूरी तैयारी और गंभीरता से रखते आए हैं I

यह पहला मौका है जब राजीव महर्षि राजनीति के समर में प्रत्यक्ष रूप से उतरते दिख रहे हैं। डीएवी कॉलेज के छात्र नेता रहे और शुरू से ही कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। एनएसयूआई से लेकर युवा कांग्रेस में वे सक्रिय रहे ही हैं, राज्य आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया। छात्र और युवा नेता के रूप में राजीव महर्षि हमेशा जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं। पार्टी के साथ उनकी निष्ठा असंदिग्ध रही है। पार्टी के हर कार्यक्रम में उनकी सक्रिय भागीदारी राज्य स्थापना के पूर्व से आज तक निरन्तर बनी दिखती है।

जानकार मानते हैं कि कॉंग्रेस में राजीव महर्षि एक ऐसा नाम है जिनको लेकर प्रदेश अध्यक्ष करन महरा से लेकर हरीश रावत तक, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल या फिर अन्य वरिष्ठ नेताओं का समर्थन मिलने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी I क्योंकि पार्टी में राजीव महर्षि की सर्वप्रिय छवी और व्यावहार कुशल माना जाता है I यानी कॉंग्रेस से देहरादून मेयर प्रत्याशी के तौर पर राजीव महर्षि को मैदान में उतारने के लिए उनको सभी वरिष्ठ नेताओं का समर्थन भी प्राप्त हो सकता है I

कॉंग्रेस में ही उनके समर्थक कहते हैं कि अत्यंत व्यवहार कुशल तथा हर किसी के सुख दुख के साथी राजीव महर्षि की छवि नेकनीयत नेता की है और लोगों के लिए वे हर समय उपलब्ध भी रहते आए हैं। समर्थक मानते हैं कि पिछले आठ-दस साल से सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति लोगों में एंटी इनकमबैंसी फैक्टर बढ़ा है और इसका लाभ राजीव महर्षि को मिल सकता है। उन्होंने राज्य और महानगर के मुद्दों को पूरी बेबाकी से न सिर्फ उठाया है बल्कि उन्हें अंजाम तक भी पहुंचाया है। उच्च शिक्षित, मृदु भाषी और कुशल नेतृत्व क्षमता वाले राजीव महर्षि महानगर की समस्याओं के समाधान के लिए पहले भी सक्रिय रहे हैं और जिम्मेदारी मिलने के बाद वह और अधिक गतिशीलता से समस्याओं का स्थाई समाधान कर इसे जुमले की स्मार्ट सिटी से वास्तविक अर्थों में स्मार्ट सिटी बनाने की क्षमता रखते हैं।

राजीव महर्षि कहते हैं कि वे महानगर देहरादून को अधिक सुविधा युक्त बनाना चाहते हैं I अगर पार्टी ने भरोसा जताया तो वे महापौर का चुनाव जीतकर
देहरादून के यातायात प्रबंधन, कूड़ा निस्तारण, जन सुविधाओं का विस्तार, पार्क, पार्किंग, जल निकासी, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे तमाम मुद्दों के समाधान के लिए वह सतत कार्यशील रहकर अपनी क्षमताओं का उपयोग करेंगे I जिसका लाभ जनता को मिलेगा I

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